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इब्ने सफ़ी का रचना संसार


इब्ने सफ़ी कोई जन्मजात कथा लेखक नहीं थे |पर जब उन्होंने लेखन शुरू किया तो लिखते गए और एक साथ हिंदी और उर्दू दोनों लेखन को प्रभावित किया | उन्होंने कहानियां लिखी, व्यंग्य लिखे, शेरो शायरी में भी दखल दिया पर जाने गए अपने उन जासूसी उपन्यासों और पात्रों के लिए जो आज भी लोगों को जाने अनजाने रहस्य और रोमांच पूर्ण लेहनों को प्रभावित करते रहे हैं | उनका पहला उपन्यास जो ‘जासूसी दुनिया नामक पत्रिका में मार्च १९५२ में छपा जो विक्टर ह्यूगो के उपन्यास पर आधारित थी | कथानक उधार का था पर मुख्य पात्र इंस्पेक्टर फरीद जो आगे चलकर कर्नल फरीदी हो गया और दूसरा साजिद हमीद जो कैप्टेन हमीद बना उनके अपने थे | कहानी चल पड़ी | इसके बाद वह अगस्त १९५२ में पिता के पास वो पाकिस्तान चले गए |

देश बदला पर लेखन का अंदाज़ नहीं बदला | अब जासूसी दुनिया दोनों जगहों से प्रकाशित होने लगी | १९५५ से उनके एक और मकबूल चरित्र का जन्म हुआ जिसे इमरान के नाम से जाना गया | उपन्यास का नाम खौफनाक इमारत था | पाकिस्तान में यह कराची से प्रकाशित हुई तो भारत में निकहत प्रकाशन से | इन तीनों किरदारों ने मकबूलियत के अहम् झंडे गाड़े | बस थोडा अंतर था | भारत में कर्नल फरीदी कर्नल विनोड बन जाता था और जोड़ी विनोद-हमीद के नाम से जानी जाती थी | इमरान अपने अहमकाना अंदाज़ के साथ अपने पिता से मार खाते हुए भारत में राजेश बन जाता था | साथ में एक से बढ़कर एक विलन भी थे | संगही, थेरेशा, गेराल्ड शास्त्री और अलफांसो जैसे लोग जासूसों को टक्कर देने को तैयार रहते थे |

विनोद और हमीद कई लेखकों के पसंदीदा किरदार बने | परशुराम शर्मा ने भी विनोद हमीद को अपना किरदार बनाया | बिमल चटर्जी ने इमरान को अपना पात्र बनाया | फाहरिश्त लम्बी है | वेड प्रकाश कम्बोज का मुख्य पात्र विजय भी इमरान से प्रभावित है | कूल मिलाकर इब्ने सफ़ी ने एक युग को प्रभावित किया | अपने समय के वे लेखन के बेताज बादशाह रहे | परशुराम शर्मा के सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब जीरोलैंड में विनोद, हमीद, राजेश, संगही, थेरेसा, अलफांसो आदि सारे किरदार एक साथ देखे जा सकते हैं |

इब्ने सफ़ी के उपन्यासों में नए किरदारों का ही नहीं नए स्थानों का भी सृजन हुआ है | जीरोलैंड और शकराल जैसे स्थान आप शायद दुनिया के नक्से पर नहीं पायेंगे | ये कल्पना शक्ति का अद्भुत कमाल है |

उनका शुरुआती सफर अवश्य ही विदेशी किताबों से प्रभावित रहा | पर कुछ नया लिख डालने का जूनून भी था | नए किरदारों को क्रिएट करने में वो कमाल के थे | इमरान इसका सबसे बड़ा उदाहरण है | एक साथ चार चरित्रों को जीता है वह | पिता और माँ के साथ-साथ बहन के साथ भी उसके रिश्ते को उन्होंने दिखाया है | पर आगे उनका नाम अगाथा क्रिस्टी जैसी महान कलमसिद्धा तक भी पहुंचा | इब्ने सफ़ी के पुत्र इस तथ्य की पुष्टि करते हैं | उनकी कहानियों में रहस्य के साथ-साथ रोमांच भी था | आज के लोकप्रिय लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक ने भी उनका लोहा माना है |

इब्ने सफ़ी का जन्म इलाहाबाद में हुआ | यहीं उन्होंने शिक्षा भी हासिल की | अगर से स्नातक भी किया | मुशायरों में भी हिस्सा लेते रहे | पर लेखन का परवान धीरे-धीरे चढ़ा | प्रेमचंद का दौर आकर समाप्त हो चूका था | देवकीनंदन खत्री का तिलिस्मी दौर भी आकर जा चूका था | इस युग में गहमरी ने बेहतरीन जासूसी साहित्य कि रचना की | उनके २०० से ज्यादा उपन्यास छाप चुके थे | पर युवाओं में अश्लील साहित्य की तरफ झुकाव ज्यादा था | अगर युवा अश्लील साहित्य छोड़कर इब्ने सफ़ी की तरफ झुके तो हम समझ सकते हैं कि उनकी रचनाओं में कितना जोर था | लेखन ने उन्हें असरार अहमद से इब्ने सफ़ी बनाया और पाठकों का एक ऐसा वर्ग तैयार किया जो उस समय के अन्य लेखक नहीं कर सके | उन्होंने आने वाले लेखकों के लिए एक पृष्ठभूमि तैयार कर दी थी |

सफ़ी का लेखन संसार:





5 Comments


Manohar Marandi
Manohar Marandi
Jan 17, 2022

इब्ने सफ़ी महान जासूसी लेखक रहे।जब तक उन्होंने लिखा, वे नम्बर वन रहे।उनका कर्नल फरीदी(विनोद) सीरीज विदेशी उपन्यासों के जोड़ के पोलिस प्रोसिड्योरल थे।इस जोनर में इस स्तर के उपन्यास फिर कोई नहीं लिख पाया।अन्य पात्रों क्राइम रिपोर्टर अनवर से ही आज के एक बड़े लेखक ने अपना मुख्य पात्र गढ़ा।अन्य पात्र इमरान, हिन्दी में राजेश पर अधिकांश लेखकों ने विभिन्न नामों से चरित्र गढ़े।वह मूल रूप में उर्दू में लिखते थे,उनकी शैली गंगा जमूनी तहजीब से सराबोर

थी,और लेखनी में एक लय थी,रवानी थी।शानदार प्लॉट,रहस्य, रोमांच और हंसी व्यंग के चुटीले तड़के उनके उपन्यासों को बार बार पढ़ने के लिये मजबूर करते हैं।आज के चलन के विपरीत उनके उपन्यासों में सेक्स प्रसंग जरा भी नहीं होता था,उनके उपन्यासों में…

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Nitish sinha
Nitish sinha
Jan 17, 2022
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अनवर को लेकर इब्ने सफी ने पांच किताबें लिखी |

हीरे की खान

तिजोरी का गीत

आतिशी परांदा

खुनी पत्थर

भयानक जजीरा

अनवर दी स्टार का क्राइम रिपोर्टर था | फरीदी अक्सर उससे सहायता लिया करता था | उसकी सहायक रशीदा उसके पास वाले फ्लैट में रहा करती थी | यही अनवर संभवतः कुछ बदलाव के साथ सुरेन्द्र मोहन पाठक के प्रथम उपन्यास 'पुराने गुनाह नए गुनाहगार में ब्लास्ट के रिपोर्टर सुनील के रूप में सामने आया | रशीदा प्रमिला के रूप में सामने आ गयी |

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Nitish sinha
Nitish sinha
Jan 16, 2022

interesting to intimate that most of his books is available online in urdu. hope somebody will translate them .


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Bijay Agrawal
Jan 16, 2022

Ibne Safi ki list Puri Nahi hai

King Chang series 4 book ki series hai. List me pahala part king Chang Ka naam Nahi Likha hua.

Devki nandan khatri Ka upanyas anuthi begun Ka chhut Gaya hai

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Nitish sinha
Nitish sinha
Jan 16, 2022
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जी ये लिस्ट NJK ग्रुप में फॉरवर्ड की गयी थी | please update and post the list .

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